एक उम्मीद ने दिल को मारा, एक उम्मीद पर दिल कायम है
हम अब और कुछ नहीं हैं अनंत, फ़क़त उम्मीद ही अब हम हैं
एक उम्मीद है जो हँसते हैं, एक उम्मीद है कि जो हम ख़ुशी हैं
एक उम्मीद में चश्म-तर है, एक उम्मीद है कि जिसका ग़म है
एक उम्मीद है कि बच हम निकलेंगे, उसके इश्क़ के सहरा से
एक उम्मीद हैं कि उसके बंजर दिल में कहीं कोई जमीं नम हैं
एक उम्मीद हैं वो जिन्दा है, एक उम्मीद है कि वो अब भी बोलेगा
एक उम्मीद है कि हम कह सकेंगे, हमरा दिल मर गया, ये भरम है
--अनुराग अनंत
हम अब और कुछ नहीं हैं अनंत, फ़क़त उम्मीद ही अब हम हैं
एक उम्मीद है जो हँसते हैं, एक उम्मीद है कि जो हम ख़ुशी हैं
एक उम्मीद में चश्म-तर है, एक उम्मीद है कि जिसका ग़म है
एक उम्मीद है कि बच हम निकलेंगे, उसके इश्क़ के सहरा से
एक उम्मीद हैं कि उसके बंजर दिल में कहीं कोई जमीं नम हैं
एक उम्मीद हैं वो जिन्दा है, एक उम्मीद है कि वो अब भी बोलेगा
एक उम्मीद है कि हम कह सकेंगे, हमरा दिल मर गया, ये भरम है
--अनुराग अनंत