![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjtO3T1zsjDboA3bZ3UGx1oohLH6T5des-3IKh6OBB8f0ORI4d8SiR27yzWWesj3JB8Tdn_qAHsnkuh54TKAn72GmhZC8A0HIypqEF7VE2HFpWhXeXrvLKfuv4PQE_oHE1Y12o0zN2iJi8/s320/life.jpg)
कभी तो आए यहाँ, इतवार- सोमवार के बाद,
दम की दरकार है बहुत, बड़ा हौसला चाहिए,
कुछ नहीं बचता है दोस्त! बाज़ार के बाद,
उसकी लुटी अस्मत एक खबर ही तो है ,
कोई कुछ नहीं बोलेगा, अखबार के बाद ,
कोई कितना भी कायर हो वो लड़ जायेगा,
खून खौल उठता है, एक ललकार के बाद,
बड़ा नादाँ था मैं, जो न ये फ़लसफ़ा समझा,
फकत इंतज़ार ही मिलता है, इंतज़ार के बाद,
और भी जीत है ''अनंत'' एक हार के बाद,
जिंदगी उठ खड़ी होती है हर वार के बाद,
तुम्हारा--अनंत
4 टिप्पणियां:
bahut khoob
zindgiki har ladai aur jeet ki kahani hai ye....all d best
वाह ...बहुत खूब ।
very nice............
anu
एक टिप्पणी भेजें