सोमवार, फ़रवरी 20, 2012

जब तुम याद आए....

छलकी बूँदें आँखों से, जब तुम याद आए,
आह!  भरी हमने, जब तुम याद आए,
महकीं यादों की गीली माटी रातों में,
बहकी हसरत मेरी,जब तुम याद आए,
बुलंद शोलों से झुलसे,चैन-ओ-सुकून के दरखत,
रात जग कर बिता दी हमने, जब तुम याद आए,
जा रहे थे दर-ए-खुदा,  इबादत के वास्ते,
कदम मुड़ गए मैखाने की ओर, जब तुम याद आए,
तेरे एहसास के दस्तक ने, हमें कुछ ऐसा बदला,
हम, हम न रहे यार, जब तुम याद आए,
दीवानों की तरह बेसबब गुजरे तेरी गली से,
दुनिया हँसी हम पर, जब तुम याद आए,


तुम्हारा--अनंत

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