जब से वो मेरे ख्वाब में आने लगी है
मेरी तबियत रह रह के मुस्काने लगी है
साँसों को खबर ही नहीं है साजिशों की
धड़कन आजकल कुछ छिपाने लगी है
जिंदगी के मायने कुछ यूं बदलने लगे हैं
हम उसे, वो हमें जिंदगी बताने लगी है
इश्क़ की राह में अँधेरा ही रास आता है
अब हसरत खुद ही दिए बुझाने लगी है
इश्क़ ने सब कुछ यूं गुलाबी किया है
कि जिंदगी हमें पास बिठाने लगी है
ये शाम हुई "अनंत" कि क्या हुआ है
याद उसकी क्यों गुनगुनाने लगी है
तुम्हारा--अनंत
मेरी तबियत रह रह के मुस्काने लगी है
साँसों को खबर ही नहीं है साजिशों की
धड़कन आजकल कुछ छिपाने लगी है
जिंदगी के मायने कुछ यूं बदलने लगे हैं
हम उसे, वो हमें जिंदगी बताने लगी है
इश्क़ की राह में अँधेरा ही रास आता है
अब हसरत खुद ही दिए बुझाने लगी है
इश्क़ ने सब कुछ यूं गुलाबी किया है
कि जिंदगी हमें पास बिठाने लगी है
ये शाम हुई "अनंत" कि क्या हुआ है
याद उसकी क्यों गुनगुनाने लगी है
तुम्हारा--अनंत
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें