रविवार, सितंबर 27, 2015

दिल से उठती आहों का असर पूछते हैं..!!


दिल से उठती आहों का असर पूछते हैं 
है मरने में कितनी कसर पूछते हैं

आँखों से घायल करके जिगर को 
है कैसा उनका ये हुनर पूछते हैं

जो जबरन मेरे तसव्वुर पर काबिज़ हुए हैं
है मुसलसल मुझे किसकी फिकर पूछते हैं

जो लोग बरसों से घर को लौटे नहीं हैं
मैं अब जाता नहीं क्यों घर पूछते हैं

बगबनों ने ही क्यों जड़ें कटीं "अनंत"
मरते हुए ये सवाल अब शज़र पूछते है

तुम्हारा- अनंत

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