ये नींद अब मुझे सुला ना पाएगी
मुझे मौत की सख्त जरूरत है
जिंदगी हसीन है ये किसने कहा
मुझे इस जिंदगी से नफरत है
जो मेरी जान की जानी दुश्मन है
कम्बख़त उस शै का नाम उल्फत है
जितना जिया हूँ सब गुस्ताखी है
जितना जी रहा हूँ मेरी जुर्रत है
ये सांस क्योंकर बंद नहीं होती
ये मेरी जान पर अजीब आफत है
दो घडी रुको मैं रोना चाहता हूँ
क्या मुझे मैं होने की मोहलत है
अनुराग अनंत
मुझे मौत की सख्त जरूरत है
जिंदगी हसीन है ये किसने कहा
मुझे इस जिंदगी से नफरत है
जो मेरी जान की जानी दुश्मन है
कम्बख़त उस शै का नाम उल्फत है
जितना जिया हूँ सब गुस्ताखी है
जितना जी रहा हूँ मेरी जुर्रत है
ये सांस क्योंकर बंद नहीं होती
ये मेरी जान पर अजीब आफत है
दो घडी रुको मैं रोना चाहता हूँ
क्या मुझे मैं होने की मोहलत है
अनुराग अनंत
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