बुधवार, अप्रैल 26, 2017

जरुरी तो नहीं....!!

जो चाहो तुम्हे मिल जाए जरुरी तो नहीं
हर बार कोई तुम्हे बचाये जरुरी तो नहीं

अपने हिस्से का खुद ही रो लो तो बेहतर है
कोई तुम पे  भी अश्क़ बहाए जरूरी तो नहीं

कुछ ज़ख्म बहुत जरुरी है जिगर पर रहना
कमब्खत हर ज़ख्म भर जाए जरुरी तो नहीं

मैं ग़मज़दा हूँ तो मुझे ग़मज़दा ही रहने दो
कोई रोते हुए भी मुस्कुराए जरुरी तो नहीं

 कुछ बात है जो छिपाने को जी चाहता है
हर बात बता ही दी जाए जरुरी तो नहीं

मौत का लुत्फ़ उठा कर भी देखिये अनंत
जिंदगी ही हर मजा दे जाए जरुरी तो नहीं

अनुराग अनंत 

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