मंगलवार, मई 30, 2017

जिसने दिया है दर्द अब दवा भी वही करे ...!!

जिसने दिया है दर्द अब दवा भी वही करे
बद्दुआ दी है जिसने अब दुआ भी वही करे

जिसने लगा के आग, है रोशन किया जिगर
मेरे आँखों के सामने भरम का धुंआ भी वही करे

मेरे भीतर के पानी को प्यास जिसने है कर दिया
मेरी प्यास के भीतर अब एक कुआँ भी वही करे

जो मेरा सबकुछ हो गया और कुछ हुआ भी नहीं
मेरी तन्हाइयों के भीतर अब हुआ भी वही करे

जिसने हमें "अनंत" ताश के पत्तों सा कर दिया
खेल कर वो हमसे अब हमें जुआँ भी वही करे

तुम्हारा-अनंत



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