हँसी अक्सर खुशी ही नहीं दिखाती, कभी- कभी गम भी हँसी में लिपटा हुआ दिखता है ,बल्कि मैं तो कहता हूँ जो ज्यादा हँसता है उसके दिल में ज्यादा गम होता है,और ऐसे हंसमुख लोगों का जब दिल दुखता है तो वो रोते नहीं हँस देते है,
तो आईये में आपको एक ऐसी ही कविता से रूबरू कराता हूँ, जहां दिल दुखने पर हंसी आती है रोना नहीं,
जब दिल दुखता है हंस देते है,
गुमसुम सी है कथा हमारी,
न पूछे कोई व्यथा हमारी,
हम नीरस पलों में जीते है,पर जग को कविता का रस देते है,
जब दिल दुखता है हंस देते है,
हम छाया से भी जल जाते है,
बर्फ के टुकड़ों सा गल जाते है,
जब उड़ते है अरमान हमारे,हम खुद उनको कस देते है,
जब दिल दुखता है हंस देते है,
सब कुछ गीला-गीला हो है,
कोई बीज याद के बो जाता है,
कितना भी रोकें हम पर,आखों के बादल अश्रु बरस देते है,
जब दिल दुखता है हंस देते है,
:::::तुम्हारा::::अनंत::::
तो आईये में आपको एक ऐसी ही कविता से रूबरू कराता हूँ, जहां दिल दुखने पर हंसी आती है रोना नहीं,
जब दिल दुखता है हंस देते है,
गुमसुम सी है कथा हमारी,
न पूछे कोई व्यथा हमारी,
हम नीरस पलों में जीते है,पर जग को कविता का रस देते है,
जब दिल दुखता है हंस देते है,
हम छाया से भी जल जाते है,
बर्फ के टुकड़ों सा गल जाते है,
जब उड़ते है अरमान हमारे,हम खुद उनको कस देते है,
जब दिल दुखता है हंस देते है,
सब कुछ गीला-गीला हो है,
कोई बीज याद के बो जाता है,
कितना भी रोकें हम पर,आखों के बादल अश्रु बरस देते है,
जब दिल दुखता है हंस देते है,
:::::तुम्हारा::::अनंत::::
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