एक बार किया इश्क़ अब कर न सकेंगे
एक बार तो मर गए हैं अब मर न सकेंगे
वो चाहता है जब चाहे बिखेर दे हमको
एक बार बिखर गए हैं अब बिखर न सकेंगे
उसकी निगाह से डरते हैं, बस इतना जान लो तुम
निगाह से उतर गए है, निगाह में उतर न सकेंगे
क्या कहें किस तरह गुज़रे हैं उसके कूचे से हम
जिस तरह गुज़रे हैं, उस तरह गुज़र न सकेंगे
हम उनसे, वो हमसे, हम एक दूजे से डरते थे
जिस तरह डरते थे, अब किसी से डर न सकेंगे
जो कर दिया, सो कर दिया, वो वक़्त ही अलग था
जो कर दिया हमने, अब फिर कभी कर न सकेंगे
अनुराग अनंत
एक बार तो मर गए हैं अब मर न सकेंगे
वो चाहता है जब चाहे बिखेर दे हमको
एक बार बिखर गए हैं अब बिखर न सकेंगे
उसकी निगाह से डरते हैं, बस इतना जान लो तुम
निगाह से उतर गए है, निगाह में उतर न सकेंगे
क्या कहें किस तरह गुज़रे हैं उसके कूचे से हम
जिस तरह गुज़रे हैं, उस तरह गुज़र न सकेंगे
हम उनसे, वो हमसे, हम एक दूजे से डरते थे
जिस तरह डरते थे, अब किसी से डर न सकेंगे
जो कर दिया, सो कर दिया, वो वक़्त ही अलग था
जो कर दिया हमने, अब फिर कभी कर न सकेंगे
अनुराग अनंत
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