कोई नया ग़म लाओ पुराने सब पुराने हो गए
कितने दीवाने थे हम, कितने दीवाने हो गए
यहीं इसी दुनिया में हमारी सब नादानी खो गयी
कितने बचकाने थे हम, कितने बचकाने हो गए
आग से पहले डरते थे, अब डर नहीं लगता
कितने परवाने थे हम, कितने परवाने हो गए
वो हमें देखे, मुस्कुराए ये चाहत भी नहीं है अब
कितने अनजाने थे हम, कितने अनजाने हो गए
छूट गया वो दर जहाँ दर दर पे अपनी कहानी थी
कितने ठिकाने थे हम, कितने ठिकाने हो गए
अनुराग अनंत
कितने दीवाने थे हम, कितने दीवाने हो गए
यहीं इसी दुनिया में हमारी सब नादानी खो गयी
कितने बचकाने थे हम, कितने बचकाने हो गए
आग से पहले डरते थे, अब डर नहीं लगता
कितने परवाने थे हम, कितने परवाने हो गए
वो हमें देखे, मुस्कुराए ये चाहत भी नहीं है अब
कितने अनजाने थे हम, कितने अनजाने हो गए
छूट गया वो दर जहाँ दर दर पे अपनी कहानी थी
कितने ठिकाने थे हम, कितने ठिकाने हो गए
अनुराग अनंत
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