वो इस तरह बिछड़ा है कि मुझमें बरामद हो रहा है
उसका नाम मेरे भीतर प्यार का बरगद हो रहा है
उससे मिलने से पहले मेरा कोई कद नहीं था
उससे मिलके मेरा 'मैं' आदमक़द हो रहा है
मैं चाहूँ तो भी उसके पार जा नहीं सकता
वो शख्स मेरे लिए अब मेरी हद हो रहा है
एक तरफ़ इश्क़ है, एक तरह बाकि दुनिया
उसका नाम है जो बीच की सरहद हो रहा है
पहले इस तरह तड़प कर जीना ज़हर लगता था
अब जो ज़हर था,धीरे-धीरे वही शहद जो रहा है
अनुराग अनंत
उसका नाम मेरे भीतर प्यार का बरगद हो रहा है
उससे मिलने से पहले मेरा कोई कद नहीं था
उससे मिलके मेरा 'मैं' आदमक़द हो रहा है
मैं चाहूँ तो भी उसके पार जा नहीं सकता
वो शख्स मेरे लिए अब मेरी हद हो रहा है
एक तरफ़ इश्क़ है, एक तरह बाकि दुनिया
उसका नाम है जो बीच की सरहद हो रहा है
पहले इस तरह तड़प कर जीना ज़हर लगता था
अब जो ज़हर था,धीरे-धीरे वही शहद जो रहा है
अनुराग अनंत
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