शुक्रवार, फ़रवरी 25, 2011

सब दिखाई दे रहा है ,

कुछ बोलिए या  न बोलिए ,सब सुनाई दे रहा है ,
क्या छिपा रहें हैं  बेवजह ,सब दिखाई दे रहा है ,
आप खुद की अदालत में अब कैसे बच पाएंगे  ,
आपका दिल आपके खिलाफ गवाही दे रहा है ,
जिस उम्र में कोई टॉफी के लिए ज़िद्द करता है ,
उसी उम्र में कोई माँ -बाप को  कमाई दे रहा है ,
आज २६ जनवरी है ,चलो टी0 वी० खोलो ,
लाल किले की छत  पर चढ़ कर कोई सफाई दे रहा है ,
हमने जिसे वोट दे कर, अपनी किश्मत सौंपी  थी,
 वो हमे घोटाले ,भूंख ,तड़प,और महंगाई दे रहा है , 
तुम्हारा-- अनंत  

2 टिप्‍पणियां:

Sushil Bakliwal ने कहा…

उत्तम प्रस्तुति. शुभागमन...!
हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसके दि. 18-2-2011 को प्रकाशित आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । शुभकामनाओं सहित...
http://najariya.blogspot.com

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

आज २६ जनवरी है ,चलो टी0 वी० खोलो ,
लाल किले की छत पर चढ़ कर कोई सफाई दे रहा है ,

बहुत ही सुंदर लिखा है...बधाई
http://veenakesur.blogspot.com/