इतिहास के पन्नों पर तुम्हारा भी नाम हो सकता है ,
आज जिस नाम पर इतना इतरा रहे हो तुम ,
कल तुम्हारा वो नाम भी गुमनाम हो सकता है,
शाम उसकी आँखें पढ़ी ,तो पता चला ,आँखें डाकिया होती है ,
वरना क्या खबर थी ,आँखों में भी ,प्यार का पैगाम हो सकता है ,
हंसी आये तो जंगलों की तरफ भाग जाया करो ,
यूं शहर में हंसोगे तो यहाँ रहना हराम हो सकता है ,
ये मंदिर -मश्जिद भी तो किसी मैखाने से कम नहीं ,
यहाँ फिरकापरस्ती का जाम पी कर, दिमाग जाम हो सकता है,
एक पागल मिला था चौराहे पर पर रोता हुआ ,
बोला मेरा नाम रहीम हो सकता है ,या फिर राम हो सकता है ,
कुछ नामुमकिन नहीं है अनंत बस अरमानों में जोर हो ,
चाहत बलंद हो तो सहरा में समंदर का इन्तिजाम हो सकता है ,
तुम्हारा-- अनंत
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इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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