जो खुद को इतना ऊंचा उठा रहे हो
तुम औरों को बौना बता रहे हो
बस तुम हो तुम ही तुम हो जहां में
ये अज़ब भरम है, जो जता रहे हो
आज तुम्हरा पता मिलता नहीं है
तुम एक अरसा मेरा पता रहे हो
साथ ऐसे थे कि समाए थे मुझमें
अब दूर ऐसे हो कि सता रहे हो
कि जिसने मुझको "मैं" किया है
तुम मेरी प्यारी ऐसी ख़ता रहे हो
-अनुराग अनंत
तुम औरों को बौना बता रहे हो
बस तुम हो तुम ही तुम हो जहां में
ये अज़ब भरम है, जो जता रहे हो
आज तुम्हरा पता मिलता नहीं है
तुम एक अरसा मेरा पता रहे हो
साथ ऐसे थे कि समाए थे मुझमें
अब दूर ऐसे हो कि सता रहे हो
कि जिसने मुझको "मैं" किया है
तुम मेरी प्यारी ऐसी ख़ता रहे हो
-अनुराग अनंत
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