मेरी हर सांस पर तेरा नाम लिख दिया मैंने
लोग मुझको चलता फिरता दीवान कहते हैं
मैं हमेशा ही ज़मीन होना चाहता था
पर लोग हैं कि मुझको आसमान कहते हैं
जीते-जीते न जाने कितनी बार मरें हैं हम
वो कौन हैं जो जिंदगी को आसान कहते हैं
हज़ार नफ़रतों में भी जहाँ लोग मोहब्बत ढूढ़ लेते हैं
उस खुशरंग ज़मीं को दुनिया वाले हिंदुस्तान कहते हैं
अनुराग अनंत
लोग मुझको चलता फिरता दीवान कहते हैं
मैं हमेशा ही ज़मीन होना चाहता था
पर लोग हैं कि मुझको आसमान कहते हैं
जीते-जीते न जाने कितनी बार मरें हैं हम
वो कौन हैं जो जिंदगी को आसान कहते हैं
हज़ार नफ़रतों में भी जहाँ लोग मोहब्बत ढूढ़ लेते हैं
उस खुशरंग ज़मीं को दुनिया वाले हिंदुस्तान कहते हैं
अनुराग अनंत
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